इन्फोसिस वर्क फ्रॉम ऑफिस पॉलिसी 2025: नए नियम, गाइडलाइंस और कर्मचारियों पर असर
भारत की आईटी कंपनियों में हाइब्रिड वर्क कल्चर को लेकर बदलाव जारी है। इन्फोसिस (Infosys) ने भी अपनी वर्क फ्रॉम ऑफिस (Work from Office) पॉलिसी 2025 में कई अहम संशोधन किए हैं। यह बदलाव कर्मचारियों की उत्पादकता, टीम वर्क और कंपनियों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए किए गए हैं। इन्फोसिस की नई वर्क फ्रॉम ऑफिस पॉलिसी क्या है, इसमें क्या बदलाव हुए हैं और इसका कर्मचारियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा।
1. हाइब्रिड मॉडल पर जोर
इन्फोसिस ने अपनी नई नीति में हाइब्रिड वर्किंग मॉडल को प्राथमिकता दी है। कंपनी ने कर्मचारियों को हफ्ते में कुछ दिन ऑफिस से और कुछ दिन घर से काम करने की अनुमति दी है।
👉 मुख्य बिंदु:
- कर्मचारियों को सप्ताह में 2-3 दिन ऑफिस आना अनिवार्य किया गया है।
- मैनेजर और टीम की सहमति के आधार पर वर्किंग डेज तय किए जाएंगे।
- रोटेशनल शेड्यूल लागू किया जाएगा ताकि ऑफिस में भीड़ न बढ़े।
2. लोकेशन बेस्ड फ्लेक्सिबिलिटी
इन्फोसिस ने कर्मचारियों को क्लाइंट की आवश्यकताओं के आधार पर वर्क लोकेशन चुनने की आजादी दी है। यानी, अगर कोई कर्मचारी किसी ऐसे प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है जो पूरी तरह से रिमोट हो सकता है, तो उसे घर से काम करने की छूट मिल सकती है।
👉 नए बदलाव:
- कर्मचारी घर, ऑफिस या क्लाइंट लोकेशन से काम करने का विकल्प चुन सकते हैं।
- अलग-अलग लोकेशन पर वर्किंग के लिए HR से पूर्व अनुमति आवश्यक होगी।
- जो कर्मचारी ऑफिस से दूर रहकर काम करना चाहते हैं, उन्हें उचित कारण बताना होगा।
3. ग्रेड और पद के अनुसार अनिवार्य उपस्थिति
👉 नई पॉलिसी के अनुसार:
- सीनियर मैनेजमेंट और लीडरशिप रोल्स में कार्यरत कर्मचारियों को सप्ताह में कम से कम 3-4 दिन ऑफिस आना जरूरी होगा।
- फ्रेशर्स और एंट्री-लेवल एम्प्लॉइज के लिए ऑफिस में अधिक उपस्थिति अनिवार्य होगी ताकि वे ट्रेनिंग और स्किल डेवेलपमेंट में बेहतर कर सकें।
- प्रोजेक्ट और क्लाइंट की डिमांड के अनुसार वर्क फ्रॉम ऑफिस लागू किया जाएगा।
4. ऑफिस में कर्मचारियों के लिए सुविधाएं
इन्फोसिस ने कर्मचारियों के लिए ऑफिस में कई नई सुविधाओं को जोड़ा है ताकि उन्हें ऑफिस में काम करने में आसानी हो।
👉 नई सुविधाएं:
- ऑफिस में कैफेटेरिया, हेल्थ और वेलनेस सेंटर का विस्तार।
- बेहतर इंटरनेट कनेक्टिविटी और वर्कस्पेस इंफ्रास्ट्रक्चर।
- कर्मचारियों के लिए शटल और ट्रांसपोर्ट सर्विस की सुविधा।
5. वर्क फ्रॉम होम (WFH) की सीमाएं
हालांकि, इन्फोसिस ने वर्क फ्रॉम होम को पूरी तरह खत्म नहीं किया है, लेकिन इसमें कुछ सीमाएं लागू की हैं।
👉 नई सीमाएं:
- सभी कर्मचारियों को ऑफिस आने के लिए निर्धारित न्यूनतम दिन पूरे करने होंगे।
- अगर कोई कर्मचारी लगातार वर्क फ्रॉम होम लेना चाहता है, तो उसे प्रॉपर जस्टिफिकेशन देना होगा।
- जो कर्मचारी विदेश से वर्क फ्रॉम होम करना चाहते हैं, उन्हें कंपनी की अनुमति लेनी होगी।
कर्मचारियों पर असर: क्या फायदे और नुकसान होंगे?
इन्फोसिस की नई वर्क फ्रॉम ऑफिस पॉलिसी से कर्मचारियों को कुछ फायदे होंगे, लेकिन कुछ चुनौतियां भी सामने आएंगी।
📌 फायदे:
✅ टीमवर्क और कोलैबोरेशन बेहतर होगा।
✅ नई भर्ती वाले कर्मचारियों को बेहतर ट्रेनिंग और मेंटरशिप मिलेगी।
✅ ऑफिस में काम करने से कार्य उत्पादकता और फोकस बढ़ेगा।
✅ कर्मचारियों के लिए वर्क-लाइफ बैलेंस बनाए रखने का बेहतर अवसर मिलेगा।
📌 नुकसान:
❌ कुछ कर्मचारियों को रिलोकशन और ट्रैवल में कठिनाई हो सकती है।
❌ वर्क फ्रॉम होम के आदि हो चुके कर्मचारियों के लिए नई पॉलिसी एडजस्ट करना मुश्किल होगा।
❌ ऑफिस आने-जाने में समय और खर्च बढ़ सकता है।
कंपनी की रणनीति: क्यों बदली वर्क फ्रॉम ऑफिस पॉलिसी?
इन्फोसिस ने वर्क फ्रॉम ऑफिस पॉलिसी में बदलाव इसलिए किया है क्योंकि:
🔹 क्लाइंट्स की डिमांड बढ़ रही है कि कर्मचारी ऑफिस से काम करें।
🔹 टीम वर्क और स्किल डेवेलपमेंट को प्राथमिकता दी जा रही है।
🔹 रिमोट वर्क से प्रोडक्टिविटी को लेकर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं आई हैं।
इन्फोसिस की नई वर्क फ्रॉम ऑफिस पॉलिसी हाइब्रिड वर्क मॉडल पर आधारित है, जो कर्मचारियों को फ्लेक्सिबिलिटी और ऑफिस वर्क का संतुलन प्रदान करती है। हालांकि, इससे कुछ कर्मचारियों को कठिनाइयां हो सकती हैं, लेकिन कंपनी की रणनीति बिजनेस ग्रोथ और टीम वर्क को मजबूत करने की है।क्या आप इन्फोसिस की इस नई पॉलिसी से सहमत हैं? कमेंट में अपनी राय दें!

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