दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025: दिल्ली विधानसभा में बिहार के कितने उम्मीदवारों ने जीत हासिल किया?
दिल्ली विधानसभा चुनाव हर बार चर्चा का विषय बनता है, और इस बार भी चुनावी मैदान में बिहार से जुड़े कई उम्मीदवारों ने अपनी किस्मत आजमाई। बिहार से आए लोग दिल्ली में बड़ी संख्या में बसते हैं, इसलिए बिहार के नेताओं की चुनावी जीत-हार का सीधा प्रभाव वोटिंग पैटर्न पर पड़ता है। इस बार दिल्ली के चुनावी नतीजे क्या कहते हैं? आइए विस्तार से जानते हैं।
दिल्ली में बिहार से कितने उम्मीदवार खड़े हुए?
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में बिहार से जुड़े विभिन्न दलों के कई उम्मीदवारों ने भाग लिया। इनमें भारतीय जनता पार्टी (BJP), आम आदमी पार्टी (AAP), कांग्रेस (INC) और अन्य क्षेत्रीय दलों के उम्मीदवार शामिल रहे। बिहार के उम्मीदवारों की मजबूती पटपड़गंज, लक्ष्मी नगर, सीमापुरी, बदरपुर, बवाना और अन्य सीटों पर बिहार मूल के उम्मीदवार मैदान में थे।
प्रमुख चेहरे AAP, BJP और कांग्रेस ने बिहार से जुड़े उम्मीदवारों को महत्वपूर्ण टिकट दिए थे, ताकि पूर्वांचली वोट बैंक को साधा जा सके।
बिहार के मतदाता: दिल्ली चुनाव में प्रभाव
दिल्ली में बिहार से आए लोगों की संख्या 40 लाख से ज्यादा मानी जाती है, और इनमें से एक बड़ा हिस्सा वोटिंग में सक्रिय रहता है। पूर्वांचली वोटर्स (बिहार-पूर्वी उत्तर प्रदेश के लोग) दिल्ली की लगभग 30 से अधिक विधानसभा सीटों पर असर डाल सकते हैं। पटपड़गंज, लक्ष्मी नगर, सीमापुरी, संगम विहार और बवाना जैसे इलाकों में इनका प्रभाव सबसे अधिक है। 2015 और 2020 के चुनावों में बिहार के वोटरों ने AAP को जबरदस्त समर्थन दिया था, लेकिन इस बार BJP ने भी इस वोट बैंक को साधने की पूरी कोशिश की।
AMBEY MARBLE, PINDWARA (RAJSTHAN)
प्रमुख बिहार मूल के विजेता उम्मीदवार
2025 के चुनाव में बिहार मूल के जिन उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की, उनमें प्रमुख नाम शामिल हैं:
| विधानसभा सीट | विजेता उम्मीदवार | पार्टी | बिहार से संबंध |
|-------------|-----------------|--------|----------------|
| बुरारी | संजीव झा | AAP | मधुबनी |
| लक्ष्मी नगर | अभय वर्मा | BJP | दरभंगा |
| किरारी | अनिल झा | AAP| मधुबनी |
| संगम विहार | चंदन कुमार चौधरी | BJP| खगरिया |
| विकास पुरी | पंकज कुमार सिंह | BJP |बक्सर
बिहार मूल के नेताओं की भूमिका
दिल्ली के चुनावों में बिहार के नेताओं की भूमिका काफी महत्वपूर्ण रही है। चाहे AAP के नेता हों, कांग्रेस के हों या फिर BJP के, सभी पार्टियों ने बिहार मूल के मतदाताओं को ध्यान में रखते हुए रणनीति बनाई। आम आदमी पार्टी ने बिजली, पानी और शिक्षा जैसे मुद्दों पर पूर्वांचली मतदाताओं को साधने का प्रयास किया। बीजेपी ने बिहार के बड़े नेताओं को प्रचार में उतारा और दिल्ली में रहने वाले बिहारियों को लुभाने की कोशिश की। कांग्रेस ने बिहार मूल के वोटर्स को जोड़ने की कोशिश की, लेकिन परिणाम अपेक्षा से कम रहे।
2025 चुनाव में बिहार के उम्मीदवारों की जीत का मतलब?
बिहार के उम्मीदवारों की जीत से ये साफ होता है कि दिल्ली के चुनावों में पूर्वांचली वोटरों की पकड़ मजबूत है। उनकी संख्या लगातार बढ़ रही है और अब वे किंगमेकर की भूमिका में हैं। अगर भविष्य में भी यह ट्रेंड जारी रहा, तो दिल्ली की राजनीति में बिहार के नेताओं और मतदाताओं की भूमिका और मजबूत होती जाएगी।
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में बिहार मूल के उम्मीदवारों ने दमदार प्रदर्शन किया। कई सीटों पर उनकी जीत से साफ हुआ कि बिहार से जुड़े लोगों का प्रभाव दिल्ली की राजनीति में तेजी से बढ़ रहा है। आने वाले वर्षों में राजनीतिक दलों के लिए यह वोट बैंक और भी महत्वपूर्ण होने वाला है।
क्या आपको लगता है कि बिहार के उम्मीदवारों की भूमिका भविष्य में और मजबूत होगी? हमें कमेंट में बताएं!

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