टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली।
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय (Ministry of Agriculture & Farmers Welfare) ने किसानों के हित में एक अहम अपील जारी की है। हाल के दिनों में नकली बीज, खाद और कीटनाशक बेचने के मामलों में वृद्धि को देखते हुए मंत्रालय ने किसानों से सतर्क और सावधान रहने की सलाह दी है।
सरकार ने कहा है कि यदि कोई व्यक्ति या संस्था किसानों को नकली बीज, खाद या कीटनाशक बेचने का प्रयास करती है, तो किसान तुरंत इसकी सूचना मंत्रालय के किसान कॉल सेंटर 1800-180-1551 पर दें।
किसानों को क्यों दी जा रही है यह चेतावनी?
भारत में खेती मुख्य रूप से मानसून और सही कृषि इनपुट पर निर्भर करती है। ऐसे में जब किसान नकली या घटिया गुणवत्ता के बीज और खाद का इस्तेमाल करते हैं, तो उनकी फसल पर गहरा असर पड़ता है।कृषि मंत्रालय के अनुसार, कई राज्यों से शिकायतें मिली हैं कि बाजार में कुछ एजेंट या व्यापारी किसानों को नकली कृषि उत्पाद बेच रहे हैं। ये उत्पाद दिखने में असली जैसे लगते हैं, लेकिन इनमें गुणवत्ता और प्रभाव का अभाव होता है।
नकली बीजों से फसल का अंकुरण कम होता है, नकली खाद से मिट्टी की उर्वरता घटती है, और घटिया कीटनाशक फसल को रोगों से बचाने में नाकाम रहते हैं।
इससे न सिर्फ किसान को आर्थिक नुकसान होता है बल्कि देश की कृषि उत्पादन क्षमता पर भी असर पड़ता है।
शिकायत कैसे करें — किसान कॉल सेंटर की भूमिका
कृषि मंत्रालय ने किसानों की सुविधा के लिए किसान कॉल सेंटर (Kisan Call Centre) की स्थापना की है, जो देशभर में किसानों की समस्याओं को सुनता है।यदि किसी किसान को नकली बीज, खाद या कीटनाशक बेचने की कोशिश का संदेह हो, तो वह तुरंत नीचे दिए गए नंबर पर शिकायत दर्ज करा सकता है:
किसान कॉल सेंटर (Toll Free): 1800-180-1551, समय: सुबह 6:00 बजे से रात 10:00 बजे तक
सेवा: हिंदी समेत कई भाषाओं में उपलब्ध
कॉल सेंटर के विशेषज्ञ किसान की शिकायत को दर्ज करते हैं और संबंधित राज्य कृषि विभाग को भेजते हैं ताकि दोषियों पर कार्रवाई की जा सके।
मंत्रालय ने स्पष्ट किया है — “आपकी शिकायत ही आपकी फसल की रक्षा है।”
नकली कृषि उत्पादों की पहचान कैसे करें?
सरकार ने किसानों को कुछ सरल उपाय बताए हैं जिनसे वे नकली उत्पादों की पहचान कर सकते हैं:पैकिंग और लेबलिंग देखें: असली उत्पाद पर निर्माता का नाम, लाइसेंस नंबर, और बैच नंबर स्पष्ट होता है।
होलोग्राम या QR कोड स्कैन करें: कई कंपनियां अब उत्पादों पर QR कोड देती हैं जिससे असली-नकली की जांच की जा सकती है।
बिल अवश्य लें: खरीदारी के समय हमेशा बिल या रसीद लें ताकि शिकायत के समय प्रमाण मौजूद हो।
संदिग्ध व्यक्ति से खरीद न करें: केवल अधिकृत डीलर या सरकारी मान्यता प्राप्त दुकानों से ही कृषि उत्पाद खरीदें।
रंग और गंध पर ध्यान दें: नकली उत्पादों में रंग और गंध में असमानता देखी जा सकती है।
सरकार ने किसानों से यह भी कहा है कि वे अपने आस-पास के गांवों में जागरूकता फैलाएं ताकि कोई किसान धोखाधड़ी का शिकार न बने।
सरकार के प्रयास और किसानों की सुरक्षा
भारत सरकार किसानों की सुरक्षा और हितों के लिए लगातार कदम उठा रही है।कृषि मंत्रालय समय-समय पर निरीक्षण अभियान (Inspection Drives) चलाता है ताकि बाजार में उपलब्ध कृषि उत्पादों की गुणवत्ता की जांच की जा सके।
इसके अलावा, राज्य सरकारों को भी निर्देश दिए गए हैं कि वे नकली बीज और खाद बेचने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें।
मंत्रालय ने बताया कि “फसल की रक्षा केवल कीटनाशक से नहीं, बल्कि सही जानकारी और जागरूकता से भी होती है।”
इस अभियान के तहत किसानों को सोशल मीडिया, गांव पंचायतों, कृषि मेलों और रेडियो कार्यक्रमों के जरिए भी सतर्क रहने की सलाह दी जा रही है।
निष्कर्ष
कृषि मंत्रालय का यह अभियान किसानों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।आज के समय में जब हर किसान नई तकनीक और आधुनिक खेती के साधनों का उपयोग कर रहा है, ऐसे में नकली उत्पादों का खतरा और भी बढ़ गया है।
इसलिए जरूरी है कि हर किसान सतर्क रहे, संदिग्ध उत्पादों से दूर रहे और किसी भी शिकायत के लिए तुरंत 1800-180-1551 पर कॉल करे।

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