क्यों मनाया जाता है क्रिसमस डे? जानिए इसके पीछे छुपे रहस्य
क्रिसमस का इतिहास 2000 साल पुराना है और इसका संबंध ईसाई धर्म के संस्थापक ईसा मसीह के जन्म से है। ऐसा माना जाता है कि ईसा मसीह का जन्म यहूदिया के बैथलेहम में हुआ था। जीसस ने अपने जीवन के माध्यम से दुनिया को प्रेम, करुणा और सत्य का संदेश दिया। हालांकि, बाइबल में जीसस के जन्म की सही तारीख का उल्लेख नहीं है, लेकिन चौथी शताब्दी में रोमन साम्राज्य ने 25 दिसंबर को उनके जन्मदिन के रूप में मनाना शुरू किया।
25 दिसंबर की तारीख का रहस्य 25 दिसंबर को ही क्रिसमस क्यों मनाया जाता है, यह एक बड़ा सवाल है।
- रोमन त्योहार 'सैटर्नालिया': प्राचीन रोमन काल में 'सैटर्नालिया' नामक त्योहार 17 से 23 दिसंबर के बीच मनाया जाता था, जिसमें सूर्य देवता 'सोल इनविक्टस' की पूजा की जाती थी। ईसाई धर्म के प्रचारकों ने इस दिन को जीसस के जन्मदिन के रूप में घोषित कर दिया।
- सर्दियों का संक्रांति काल: 25 दिसंबर को सूर्य की वापसी और प्रकाश के प्रतीक के रूप में भी देखा जाता है, जो जीसस को 'दुनिया का प्रकाश' दर्शाने का संकेत देता है।
क्रिसमस परंपराएं और उनकी उत्पत्ति
क्रिसमस से जुड़ी रोचक बातें
पहला क्रिसमस कार्ड 1843 में पहला क्रिसमस कार्ड इंग्लैंड में छापा गया था।क्रिसमस की सबसे महंगी सजावट क्रिसमस ट्री को हीरे और सोने से सजाने की परंपरा भी देखी गई है।सांता की ड्रेस सांता की लाल और सफेद पोशाक को 1931 में कोका-कोला के विज्ञापन ने लोकप्रिय बनाया।क्रिसमस सिर्फ एक त्योहार नहीं, बल्कि प्रेम, शांति और मानवता का संदेश है। यह हमें जीवन में सच्चे मूल्यों की याद दिलाता है और अपने आसपास के लोगों के साथ खुशी बांटने का मौका देता है। इस त्योहार के पीछे छुपे हर रहस्य और परंपरा में एक गहरी सीख छुपी हुई है।

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